
शिक्षक और यूट्यूबर खान सर ने सोमवार को बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा लगाए गए आरोपों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। बीपीएससी ने उन पर छात्रों को प्रदर्शन के लिए उकसाने का आरोप लगाया था। खान सर ने परीक्षा रद्द कर पुनः परीक्षा कराने की मांग करते हुए बीपीएससी पर अपनी छवि खराब करने का आरोप लगाया।
माफी मांगने से इनकार, बीपीएससी अधिकारियों के लिए नार्को टेस्ट की मांग
खान सर ने कहा कि वह माफी नहीं मांगेंगे। उन्होंने बीपीएससी अध्यक्ष और सचिव पर मीडिया के सामने नार्को टेस्ट कराने की मांग की ताकि सच सामने आ सके। उन्होंने कहा कि यदि परीक्षा फिर से कराई जाती है, तो वह बीपीएससी के निर्देशों का पालन करेंगे।
बीपीएससी के नोटिस पर प्रतिक्रिया
एएनआई से बात करते हुए खान सर ने कहा, “उन्होंने (बीपीएससी) पांच केंद्रों को नोटिस जारी किया है और आरोप लगाया है कि हमने छात्रों को प्रदर्शन के लिए उकसाया, जो परीक्षा रद्द करने और पुनः परीक्षा कराने की मांग कर रहे हैं। बीपीएससी ने कहा है कि हमारे खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाएगा। मैं बिहार लोक सेवा आयोग से कहना चाहता हूं कि मैं माफी नहीं मांगूंगा। वे एक शिक्षक को अपराधी कह रहे हैं; पूरा देश देख रहा है कि बिहार में क्या हो रहा है।”
छात्रों के अधिकारों की लड़ाई
खान सर ने कहा, “हम छात्रों के अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं… बीपीएससी ने अपनी छवि खराब कर ली है। मेरा , बीपीएससी अध्यक्ष और सचिव, तीनों का मीडिया के सामने नार्को टेस्ट होना चाहिए। सच सामने आ जाएगा। अगर बीपीएससी पुनः परीक्षा कराएगा, तो हम वही करेंगे जो बीपीएससी कहेगा।”
उन्होंने आरोप लगाया कि बीपीएससी में कुछ लोग “प्लांट” किए गए हैं जो जानबूझकर राज्य सरकार की छवि खराब कर रहे हैं और बीपीएससी अध्यक्ष को हटाने की मांग की।
छात्रों के मानसिक उत्पीड़न का आरोप
खान सर ने कहा, “हम नोटिस का जवाब देंगे और बीपीएससी को नोटिस भेजेंगे कि उन्होंने 5 लाख छात्रों को मानसिक उत्पीड़न झेलने पर मजबूर किया है। बीपीएससी ने शिक्षकों पर दबाव बनाया कि वे परीक्षा को सामान्य बताएं और छात्रों को समझाएं।”
सीबीआई जांच और राज्य सरकार पर सवाल
उन्होंने कहा, “मैं बिहार के मुख्यमंत्री और राज्यपाल से भी मिलूंगा; मैंने पहले ही हाई कोर्ट का रुख किया है। किसी को भी छात्रों के अधिकारों के साथ खिलवाड़ करने का अधिकार नहीं है। मैं सीबीआई जांच की मांग करता हूं। बिहार के मुख्यमंत्री ने इस मामले में हस्तक्षेप नहीं किया, जिससे बीपीएससी का विरोध राजनीतिक रूप ले लिया। अगर प्रदर्शन राजनीतिक हुआ है, तो इसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है।”
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका खारिज की
गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने 70वीं बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) प्रारंभिक परीक्षा के दौरान व्यापक कदाचार के आरोपों पर दायर याचिका को सुनने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने याचिकाकर्ता को अपनी शिकायत के लिए पटना हाई कोर्ट जाने का निर्देश दिया।
परीक्षा रद्द करने की मांग
छात्र प्रदर्शनकारी 13 दिसंबर, 2024 को बीपीएससी द्वारा आयोजित इंटीग्रेटेड कंबाइंड (प्रारंभिक) प्रतियोगी परीक्षा (सीसीई) 2024 को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक होने का आरोप है।