
आरजेडी नेता आलोक कुमार मेहता के ठिकानों पर ईडी का छापा: 85 करोड़ के बैंक लोन घोटाले में जांच
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता और पूर्व मंत्री आलोक कुमार मेहता से जुड़े 18 ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई 85 करोड़ रुपये के बैंक लोन घोटाले के मामले में की गई।
पटना में जांच शुरू
सुबह-सुबह ईडी की टीम पटना स्थित आलोक मेहता के आधिकारिक आवास, 12-मंगल्स रोड, पर पहुंची और जांच शुरू की।
बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में छापेमारी
ईडी सूत्रों के अनुसार, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में छापेमारी की गई। इन छापों में वैशाली शहरी विकास सहकारी बैंक लिमिटेड के तत्कालीन सीईओ, अध्यक्ष, अन्य कर्मचारियों और घोटाले से जुड़े लाभार्थियों के ठिकानों को शामिल किया गया।
400 फर्जी खातों के जरिए घोटाला
यह घोटाला लगभग 400 फर्जी लोन खातों और नकली/जाली वेयरहाउस और एलआईसी रसीदों के आधार पर धन के वितरण के माध्यम से किया गया। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंक का सत्यापन किया और फंड के कथित गबन का खुलासा किया।
ईडी सूत्रों ने बताया, “बैंक कर्मचारी और अन्य निजी व्यक्ति, जो अपराध की आय के लाभार्थी हैं और श्री मेहता व उनके सहयोगियों के साथ मिलीभगत में काम कर रहे थे, छापेमारी के दायरे में हैं।”
आरजेडी से जुड़ाव
आलोक कुमार मेहता आरजेडी के वरिष्ठ नेता हैं और पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे, बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के करीबी माने जाते हैं। ईडी ने बिहार के वैशाली और उजियारपुर सहित उनके विधानसभा क्षेत्र में भी छापेमारी की।
विपक्ष के आरोप और बयान
जनता दल (यूनाइटेड) के विधायक नीरज कुमार सिंह ने आरजेडी पर निशाना साधते हुए कहा, “वैशाली, जो लोकतंत्र की भूमि है, आरजेडी विधायक की इस हरकत से शर्मसार हो गई है। जैसे ही पद मिलता है, घोटाले शुरू हो जाते हैं। लालू की विचारधारा आरजेडी में हावी है और इसका प्रभाव साफ दिखता है। अंततः पूर्व मंत्री आलोक मेहता ईडी की गिरफ्त में आ गए।”
नीरज कुमार ने आगे कहा, “क्या एक राजनीतिक कार्यकर्ता की स्थिति ऐसी हो जाएगी कि वह पद पाकर घोटालों की ओर बढ़ जाए? लेकिन आरजेडी की संस्कृति में यह सामान्य है।”
भाजपा प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा ने कहा, “आरजेडी को आम जनता की गाढ़ी कमाई लूटने की आदत है। खुद आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव बड़े घोटालों में लिप्त रहे हैं।”
चिराग पासवान की प्रतिक्रिया
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा, “अगर कुछ गलत नहीं किया है तो जांच एजेंसियों से डरने की जरूरत नहीं है। लेकिन अगर कुछ गलत पाया गया तो दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”
राजनीति का दुर्भाग्यपूर्ण पक्ष
ईडी की कार्रवाई के बाद सत्ताधारी और विपक्षी दलों के बीच बयानबाजी तेज हो गई है। यह घटना बिहार में राजनीति के “दुर्भाग्यपूर्ण पक्ष” के रूप में उभर कर सामने आई है।