
दिल्ली विधानसभा चुनावों के करीब आते ही आम आदमी पार्टी (AAP) और पटपड़गंज सीट से उसके उम्मीदवार अवध ओझा के लिए एक बड़ी चुनौती खड़ी हो गई थी। शिक्षक से नेता बने अवध ओझा की उम्मीदवारी पर सवाल तब खड़े हुए, जब यह सामने आया कि वह उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं।
नामांकन के लिए अयोग्यता का खतरा
अवध ओझा को अयोग्यता से बचाने और पटपड़गंज सीट से नामांकन के लिए पात्र बनाए रखने के लिए, AAP और ओझा को यह सुनिश्चित करना था कि उनका मतदाता नाम ग्रेटर नोएडा से दिल्ली स्थानांतरित हो जाए। इस प्रक्रिया को 17 जनवरी, नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि से पहले पूरा करना अनिवार्य था।
AAP ने चुनाव आयोग से लगाई गुहार
सोमवार को इस मामले पर AAP के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पार्टी ने अवध ओझा को अयोग्यता से बचाने के लिए भारत के चुनाव आयोग (ECI) से संपर्क किया है। केजरीवाल ने बताया, “उन्होंने 7 जनवरी को अपना वोट दिल्ली स्थानांतरित करने के लिए फॉर्म 8 दाखिल किया था, जो समय सीमा के भीतर था। लेकिन मुख्य चुनाव अधिकारी (CEO) ने आवेदनों की अंतिम तिथि 6 जनवरी तय कर दी थी।”
केजरीवाल ने आरोप लगाया कि ओझा को नामांकन से रोकने के लिए साजिश रची जा रही थी। उन्होंने यह भी कहा कि AAP इस मुद्दे को लेकर चुनाव आयोग के समक्ष मजबूती से अपनी बात रखेगी।
चुनाव आयोग का अहम फैसला
सोमवार शाम को चुनाव आयोग ने अवध ओझा का नाम ग्रेटर नोएडा की मतदाता सूची से दिल्ली में स्थानांतरित करने की मंजूरी दे दी। इस फैसले से अवध ओझा अब पटपड़गंज सीट से अपना नामांकन दाखिल कर सकेंगे।
केजरीवाल ने दी जानकारी
इस निर्णय की पुष्टि करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा, “अच्छी खबर यह है कि अवध ओझा का वोट स्थानांतरित हो चुका है। आयोग ने इसके लिए आदेश जारी कर दिया है, और अब वह अपना नामांकन दाखिल कर सकेंगे।”
AAP के इस प्रयास से उम्मीदवार अवध ओझा की उम्मीदवारी पर मंडरा रहा संकट टल गया है।