
प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार (9 जनवरी) को भुवनेश्वर में 18वें प्रवासी भारतीय दिवस का उद्घाटन किया। उन्होंने पिछले दशक में वैश्विक मंच पर भारत की बढ़ती प्रतिष्ठा को रेखांकित किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने विभिन्न मंत्रालयों और केंद्र व राज्य सरकारों द्वारा आयोजित चार प्रदर्शनियों और प्रचार स्टॉल का दौरा किया, जो भारत की विकास यात्रा को प्रदर्शित कर रहे थे।
महात्मा गांधी को याद किया
अपने उद्घाटन भाषण में पीएम मोदी ने 1915 में इसी दिन महात्मा गांधी की भारत वापसी का उल्लेख करते हुए ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य प्रस्तुत किया।
उन्होंने कहा, “कुछ ही दिनों में प्रयागराज में महाकुंभ शुरू होगा। मकर संक्रांति और माघ बिहू जैसे त्योहार भी आने वाले हैं। हर जगह एक आनंदमय वातावरण है। हमारे लिए, यह वही दिन है जब 1915 में महात्मा गांधी विदेश से भारत लौटे थे।”
भारत की आर्थिक प्रगति पर जोर
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की आर्थिक प्रगति और गरीबी उन्मूलन प्रयासों की प्रशंसा की।
उन्होंने कहा, “पिछले 10 वर्षों में, 25 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है। भारत अब दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और जल्द ही यह तीसरे स्थान पर होगा।”
बुद्ध और शांति की बात
पीएम मोदी ने भारत के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर की ताकत का उल्लेख करते हुए कहा, “भारत दुनिया से कह सकता है कि भविष्य युद्ध में नहीं, बल्कि बुद्ध (शांति) में है।”
उन्होंने भारत को “लोकतंत्र की जननी” कहा और कहा कि लोकतंत्र हमारी जीवनशैली का हिस्सा है। साथ ही, उन्होंने भारत की क्षमता को रेखांकित किया जिससे यह वैश्विक दक्षिण के विचारों को मजबूती से प्रस्तुत कर सकता है।
प्रवासी भारतीयों को ‘राष्ट्रदूत’ बताया
प्रधानमंत्री ने प्रवासी भारतीयों को भारत के “राष्ट्रदूत” कहते हुए उनकी भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा, “आपकी मूल्य प्रणाली विश्व नेताओं को भारतीय प्रवासियों की प्रशंसा करने पर मजबूर करती है। आप समाज से जुड़ते हैं, स्थानीय परंपराओं का सम्मान करते हैं और फिर भी अपने दिलों में भारत को जिंदा रखते हैं।”
विकसित भारत 2047 की दिशा में योगदान का आह्वान
पीएम मोदी ने प्रवासी भारतीयों की ऐतिहासिक भूमिका का जिक्र करते हुए 1947 में भारत की स्वतंत्रता में उनके योगदान को याद किया और 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में भागीदारी का आग्रह किया।
इस वर्ष का आयोजन “विकसित भारत में प्रवासी भारतीयों का योगदान” थीम पर आधारित था।
ओडिशा की सांस्कृतिक विरासत का उल्लेख
प्रधानमंत्री ने ओडिशा की ऐतिहासिक समुद्री संबंधों, बाली, सुमात्रा और जावा जैसे क्षेत्रों से जुड़ी धरोहर और सम्राट अशोक के शांति के मार्ग की ओर रुख का उल्लेख किया।
प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस ट्रेन का शुभारंभ
प्रधानमंत्री मोदी ने प्रवासी भारतीय एक्सप्रेस, एक विशेष पर्यटक ट्रेन, का वर्चुअल शुभारंभ किया। यह ट्रेन दिल्ली के निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन से अपनी तीन सप्ताह की यात्रा शुरू करेगी और देश के सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व वाले स्थलों पर जाएगी।
इस ट्रेन का उद्देश्य 45-65 वर्ष के भारतीय प्रवासियों को उनकी सांस्कृतिक और ऐतिहासिक जड़ों से जोड़ना है। ट्रेन में 156 यात्रियों की क्षमता है और इसके सभी खर्च सरकार द्वारा वहन किए जाएंगे।
नेताओं और विशेषज्ञों की प्रतिक्रियाएं
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने प्रवासी भारतीयों की बढ़ती भूमिका पर जोर देते हुए कहा, “आज के वैश्वीकृत युग में, प्रवासी भारतीय हर गुजरते साल के साथ अधिक महत्वपूर्ण हो जाते हैं। चाहे वह प्रौद्योगिकी, व्यापार, निवेश या पर्यटन हो, प्रवासी भारतीयों के दो-तरफा प्रवाह अमूल्य हैं।”
ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने ओडिशा की संस्कृति, धरोहर और पर्यटन में निवेश पर जो बातें कीं, उससे हमें भरोसा है कि ओडिशा में बड़े निवेश होंगे।”
ग्रैमी पुरस्कार विजेता रिकी केज ने भी अपने प्रदर्शन पर खुशी जताई। उन्होंने कहा, “मैंने 1.4 बिलियन भारतीयों को समर्पित एक गीत गाया और मेरे पसंदीदा प्रधानमंत्री मोदी के सामने प्रदर्शन करना गर्व की बात है।”