
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के खजुराहो में डिजिटल ठगों ने एक नई चाल अपनाई। उन्होंने लगभग एक दर्जन दुकानों और एक पेट्रोल पंप के वैध QR कोड को फर्जी कोड से बदल दिया। ग्राहकों द्वारा किए गए भुगतान ठगों के खातों में भेज दिए गए।
घटना की जानकारी मिलने के 72 घंटे के भीतर, सीसीटीवी फुटेज के आधार पर एक संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया गया।
ठगी का पता कैसे चला?
घोटाले का खुलासा तब हुआ जब व्यापारियों, जिनमें मेडिकल स्टोर की संचालिका ओमवती गुप्ता भी शामिल थीं, ने भुगतान संबंधी समस्याओं की शिकायत की।
गुप्ता ने देखा कि जब एक ग्राहक ने सुबह भुगतान करने की कोशिश की, तो QR कोड स्कैन करने पर उनके खाते की जगह किसी और का नाम और खाता नंबर दिखाई दे रहा था। उन्होंने तुरंत फर्जी QR कोड को हटाकर नया कोड लगाया और पुलिस को सूचित किया।
QR कोड पर स्कैन करने पर “छोटू तिवारी” नाम और खाता नंबर दिखाई दे रहा था।
कैसे हुई ठगी?
पुलिस का मानना है कि रात के अंधेरे में ठगों ने दुकानों और पेट्रोल पंपों पर लगाए गए वैध QR कोड पर फर्जी कोड चिपका दिए। ग्राहकों द्वारा स्कैन और भुगतान करने पर धनराशि सीधे ठगों के खातों में चली गई।
गुप्ता के मेडिकल स्टोर की सीसीटीवी फुटेज में तीन नकाबपोश व्यक्तियों को QR कोड बदलते हुए देखा गया। इनमें से एक की पहचान कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
कौन है गिरफ्तार आरोपी?
गिरफ्तार संदिग्ध की पहचान उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के गुरसराय थाना क्षेत्र के आमली गांव निवासी “छोटू तिवारी” के रूप में हुई। पुलिस ने उसके पास से कई फर्जी QR कोड स्टिकर बरामद किए हैं। जांच में पता चला है कि ठगी में और भी लोग शामिल हो सकते हैं, जिनकी तलाश जारी है।
पुलिस का बयान और अब तक की ठगी का आंकड़ा
छतरपुर एसपी अगम जैन ने मीडिया को बताया, “दो और व्यक्तियों की गिरफ्तारी बाकी है। हम बैंक लेनदेन की जांच कर रहे हैं। अब तक इस घोटाले से केवल ₹1,700 ठगे गए हैं।”
नारायण मार्केट के एक व्यापारी ने ₹985 और ₹1 की ठगी की रिपोर्ट की। अन्य जगहों, जैसे खजुराहो पेट्रोल पंप, बड़े भैया पान वाले और राजेश मेडिकल स्टोर में भी ठगी का पता चला है। ठगी की गई कुल राशि का सत्यापन किया जा रहा है।
व्यापारियों के लिए सतर्कता संदेश
घटना के बाद सभी दुकानदारों ने अपने QR कोड हटा दिए। खजुराहो पुलिस ने स्थानीय व्यापारियों से सतर्क रहने और अपने QR कोड स्कैनर की नियमित जांच करने का आग्रह किया है।