
तिरुपति मंदिर भगदड़: 6 की मौत, कई घायल
बुधवार को तिरुपति के विष्णु निवासम के पास वैकुंठ द्वार सर्वदर्शन टोकन के वितरण के दौरान हुई भगदड़ में कम से कम छह लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। सैकड़ों भक्त 10 दिवसीय वैकुंठ द्वार दर्शनम के टोकन पाने के लिए उमड़ पड़े, जो 10 जनवरी से शुरू होने वाला है।
घटना का दृश्य
घटना स्थल से मिले दृश्यों में बड़ी संख्या में लोग भीड़ में संघर्ष करते दिखे। पुलिस अधिकारियों ने भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया लेकिन स्थिति अनियंत्रित हो गई,करीब 40 लोग घायल हैं |
मुख्यमंत्री नायडू ने गहरा शोक व्यक्त किया
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने इसे “भीड़भाड़ के कारण हुई एक गंभीर घटना” बताया।
नायडू ने जिला प्रशासन और तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) के अधिकारियों से संपर्क में रहने की बात कही और घायल व्यक्तियों के लिए बेहतरीन चिकित्सा सेवाओं की व्यवस्था के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों को राहत कार्य की निगरानी के लिए मौके पर भेजा गया है।
मुख्यमंत्री नायडू गुरुवार को मृतकों के परिवारों से मिलने जाएंगे।
TTD अधिकारी और राहत प्रयास
टीटीडी के अतिरिक्त कार्यकारी अधिकारी वेंकैया चौधरी ने गुरुवार तड़के तिरुपति के श्री वेंकटेश्वर रामनारायण रूइया सरकारी अस्पताल का दौरा कर घायलों से मुलाकात की।
तिरुपति जिला कलेक्टर कार्यालय में घायलों के बारे में जानकारी देने के लिए एक कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। कंट्रोल रूम नंबर है: 0877-222-36007।
भगदड़ की वजह
टीटीडी के अध्यक्ष बीआर नायडू ने बताया कि “अत्यधिक भीड़भाड़” के कारण यह घटना हुई। उन्होंने इसे “दुर्भाग्यपूर्ण घटना” करार दिया।
उन्होंने कहा, “कुल 6 लोगों की मौत हुई है। इनमें से कुछ तमिलनाडु और कुछ आंध्र प्रदेश से हैं। फिलहाल एक शव की पहचान हो चुकी है। आज पूरी रिपोर्ट आ जाएगी और मुख्यमंत्री कल जानकारी देंगे।”
चश्मदीदों का आरोप
घटना के चश्मदीदों ने कहा कि भीड़ नियंत्रण में लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ। पद्मावती पार्क होल्डिंग एरिया में मौजूद एक भक्त ने कहा, “अगर कोविड के बाद लागू टोकन प्रणाली का पालन किया जाता तो यह त्रासदी टल सकती थी।”
एक अन्य जीवित बचे व्यक्ति ने आरोप लगाया कि जब गेट खोले गए तो वहां केवल चार पुलिसकर्मी मौजूद थे, जिससे घंटों इंतजार कर रहे हजारों लोग अचानक आगे बढ़ने लगे।
राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य नेताओं की संवेदनाएं
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संवेदनाएं दीं
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदनाएं दीं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
उन्होंने कहा, “तिरुपति में भगदड़ से कई भक्तों की जान चली गई, यह जानकर दुख हुआ। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस त्रासदी पर शोक व्यक्त किया। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक पोस्ट में कहा, “आंध्र प्रदेश के तिरुपति में भगदड़ से दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं उन लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खोया है। मैं घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। आंध्र प्रदेश सरकार प्रभावितों को हरसंभव मदद प्रदान कर रही है।”
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हरसंभव सहायता प्रदान करने का किया आग्रह
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे “गंभीर रूप से दुखद” बताया और कांग्रेस कार्यकर्ताओं से पीड़ितों को हरसंभव सहायता प्रदान करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “तिरुपति की यह दुखद घटना बेहद हृदयविदारक है। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। मैं कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं से आग्रह करता हूं कि वे इस कठिन समय में हरसंभव मदद करें।”
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने भारत में धर्म के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि धार्मिक आयोजनों में जानमाल के नुकसान को रोकने के लिए व्यवस्था होनी चाहिए। उन्होंने जम्मू में संवाददाताओं से कहा, “लोग (धार्मिक स्थलों पर) मरने के लिए नहीं बल्कि अपनी सुरक्षा, राष्ट्र और परिवार के लिए प्रार्थना करने जाते हैं। सरकार को इस बात की जांच करनी चाहिए कि भगदड़ में लोग कैसे मारे गए। और बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ वाले ऐसे स्थानों पर व्यवस्थाओं की निगरानी करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने चाहिए कि ऐसी घटनाएं फिर न हों।” उन्होंने कहा, “यह महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत में धर्म को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है।”