Trending

Ratan Tata Birth Anniversary:

Ratan Tata Birth Anniversary: आज रतन टाटा की बर्थ एनिवर्सरी है।

Ratan Tata Birth Anniversary: आज रतन टाटा की बर्थ एनिवर्सरी है। 86 वर्ष की आयु में 9 अक्टूबर 2024 को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उनका निधन हो गया था। रतन टाटा ने 1991 से 2012 तक बतौर चेयरमैन टाटा समूह का नेतृत्व किया और 2016 में कुछ समय के लिए अंतरिम चेयरमैन भी रहे। उनके कार्यकाल में टाटा समूह ने कई ऐसी उपलब्धियां हासिल कीं, जिसकी गूंज पूरी दुनिया में सुनाई दी। आइए, आज रतन टाटा के जन्मदिवस के मौके पर उनसे जुड़े कुछ रोचक फैक्ट्स जानते हैं।

Tata ग्रुप को ग्लोबल पहचान दिलाई
रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह ने महत्वपूर्ण विस्तार देखा। आज इसकी मौजूदगी दुनिया के 100 से अधिक देशों में है। वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान समूह ने 165 अरब डॉलर का शानदार रेवेन्यू कमाया है। टाटा समूह नमक से लेकर कार तक सब कुछ बनाता है।

कुछ बड़े और शानदार अधिग्रहण
रतन टाटा का सबसे चर्चित अधिग्रहण था 2008 में लग्जरी कार ब्रांड जगुआर लैंड रोवर को अपना बनाना। उन्होंने 2007 में ब्रिटिश स्टील कंपनी कोरस के अधिग्रहण का भी नेतृत्व किया, जिससे टाटा स्टील दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी स्टील उत्पादक कंपनी बन गई।
इंजीनियर Tata आर्किटेक्ट भी थे
रतन टाटा ने पहले अपने पिता की इच्छा का सम्मान करते हुए मैकेनिकल इंजीनियरिंग की। इसके बाद उन्होंने 1962 में कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से आर्किटेक्चर में बैचलर डिग्री हासिल की।

विदेश में नौकरी और भारत से बुलावा
रतन टाटा ने अपने करियर की शुरुआत एक आर्किटेक्ट के रूप में की थी। उन्होंने लॉस एंजिल्स की एक आर्किटेक्चर फर्म के साथ करीब दो साल काम किया। टाटा लॉस एंजिल्स में बसना चाहते थे, लेकिन दादी के बुलावे को टाल नहीं सके और भारत लौट आये।

बचपन की परेशानियां
रतन टाटा को बचपन में कुछ परेशानियों का भी सामना करना पड़ा। जब उनके पिता नवल और मां सूनी टाटा का तलाक हुआ, वे मात्र 10 साल के थे। रतन टाटा का पालन-पोषण उनकी दादी ने किया।

Show More

admin

समाजिक समाचार एक प्रमुख हिंदी समाचार चैनल है, जो भारत में सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक घटनाओं की गहन कवरेज प्रदान करने पर केंद्रित है। चैनल का उद्देश्य अपने दर्शकों को सटीक, निष्पक्ष और प्रभावी ढंग से समाचार प्रदान करना है। चैनल सामाजिक न्याय, सामुदायिक मुद्दों और जमीनी स्तर पर हो रहे आंदोलनों पर खास ध्यान देता है, और वंचित वर्गों को आवाज देने का प्रयास करता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!
.site-below-footer-wrap[data-section="section-below-footer-builder"] { margin-bottom: 40px;}